ग्वालियर। प्रदेश की सबसे पिछड़ी जनजातियों में शुमार सहरिया परिवारों को क्षय रोग (टीबी) से मुक्ति दिलाने के लिये ग्वालियर जिले में सघन यक्ष्मा-रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत विशेष प्रोजेक्ट चलाया जाएगा। इस प्रोजेक्ट की गतिविधियों को और प्रभावी बनाने के लिये जिले के सहरिया जनजाति बहुत ग्रामों के आश्रम-छात्रावास, स्कूलों एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों में विशेष जन-जागरण कार्यक्रम चलाए जायेंगे। साथ ही इस दौरान टीबी की जाँच के लिए सेम्पल लेने का काम भी होगा। इस आशय का निर्णय जिला पंचायत सीईओ शिवम वर्मा की अध्यक्षता में हुई प्रोजेक्ट की समीक्षा बैठक में लिया गया।
जिला पंचायत सीईओ शिवम वर्मा ने बैठक में प्रोजेक्ट की तैयारियों की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने कहा कि जिले के सहरिया बहुल ग्रामों में टीबी नियंत्रण के लिये यह प्रोजेक्ट राष्ट्रीय जनजाति स्वास्थ्य अनुसंधान संस्थान से संबद्ध नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च इन ट्रायबल हैल्थ जबलपुर के सहयोग से चलाया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट के माध्यम से शतप्रतिशत सहरिया परिवारों को टीबी मुक्त करने का लक्ष्य है। उन्होंने बैठक में निर्देश दिए कि हर हफ्ते सोमवार के दिन आश्रम छात्रावास, मंगलवार को आंगनबाड़ी और बुधवार के दिन स्कूलों में कार्यक्रम आयोजित किए जाएं। उन्होंने स्वास्थ्य, महिला बाल विकास, जनजाति कल्याण एवं स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों को इस आयोजन में पूर्ण सहयोग करने के निर्देश दिए।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च इन ट्रायबल हैल्थ जबलपुर के सलाहकार डॉ. व्हीजी राव ने बैठक में जानकारी दी कि जिले के सहरिया बहुल गाँवों में उसी समुदाय के पढ़े-लिखे युवाओ को वॉलेन्टियर के रूप में तैनात किया गया है। इन वॉलेन्टियर द्वारा संदिग्ध टीबी मरीजों के सेम्पल (स्पूटम) लेकर जाँच के लिये भेजे जाते हैं। जाँच में नमूने पॉजिटिव पाए जाने पर डॉट पद्धति से मरीजों का सम्पूर्ण इलाज कराया जाता है। प्रोजेक्ट से जुड़ीं वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. ज्योति भट्ट ने जानकारी दी कि ग्वालियर जिले की लगभग 53 हजार सहरिया जनसंख्या पर विशेष फोकस किया गया है। अभी तक 237 सेम्पल लिए गए थे। इनमें से 53 पॉजिटिव पाए गए हैं। इन सभी का इलाज शुरू कर दिया गया है।
मालूम हो हर सहरिया परिवार को सरकार द्वारा पोषण आहार के लिये भी हर माह एक हजार रूपए दिए जा रहे हैं। इसके अलावा टीबी ग्रस्त सहरिया सदस्य को 500 रूपए हर माह दिए जाते हैं। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने जानकारी दी कि सहरिया परिवारों के लिये अभियान बतौर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्के आवास बनवाए जा रहे हैं। साथ ही उज्ज्वला योजना के तहत नि:शुल्क रसोई गैस कनेक्शन दिए जा रहे हैं। इससे सहरिया परिवार अच्छे वातावरण में रहें और उनमें बीमारियां न पनपें।
बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मृदुल सक्सेना, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास ऊषा पाठक, जिला महिला सशक्तिकरण अधिकारी शालीन शर्मा और जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. कौरव सहित अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद थे।
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